प्रियं वदतु सर्वदा – 07-07-2018
नूतना समस्या –
“प्रियं वदतु सर्वदा”
ഒന്നാംസ്ഥാനം
प्रियवादी लभेत्सौख्यम्
स्थानं मित्रं तथा धनम्॥
प्रियेण लभ्यते सर्वम्
प्रियं वदतु सर्वदा॥
Dr. Nidheesh Gopi
“അഭിനന്ദനങ്ങള്”
नूतना समस्या –
“प्रियं वदतु सर्वदा”
ഒന്നാംസ്ഥാനം
प्रियवादी लभेत्सौख्यम्
स्थानं मित्रं तथा धनम्॥
प्रियेण लभ्यते सर्वम्
प्रियं वदतु सर्वदा॥
Dr. Nidheesh Gopi
“അഭിനന്ദനങ്ങള്”
नववाणी नवा रम्या
सदा युवजनप्रिया।
सत्यमिदञ्च विज्ञाय
प्रियं वदतु सर्वदा।।
प्रियवादी सदा मित्रं
सत्यवादी च शत्रुवत्।
तस्माद् मित्रलाभाय
प्रियं वदतु सर्वदा।।
मित्राण्यमित्रं कुरुते
अप्रियं कटुभाषणम्।
सर्वेषु प्रियमाधातुं
प्रियं वदतु सर्वदा।।
രണ്ടാംസ്ഥാനം
सभामध्ये किमु भाष्यं
किं भाष्यं मित्रभाषणे।
उत्तरमेकमेवात्र
प्रियं वदतु सर्वदा।।
लोकैश्चाद्य सदा पूज्या
प्रिया वाक् सत्यमाश्रिता।
प्रियं च श्रोत्रपियूषं
प्रियं वदतु सर्वदा।।
प्रियवादी सदा पूज्यः
असत्यं न ब्रवीति चेद्।
प्रिया वाक् मधुरा ज्ञेया
प्रियं वदतु सर्वदा।।
ഒന്നാംസ്ഥാനം
प्रियवादी लभेत्सौख्यम्
स्थानं मित्रं तथा धनम्॥
प्रियेण लभ्यते सर्वम्
प्रियं वदतु सर्वदा॥
മൂന്നാംസ്ഥാനം
യദ്യപി ശ്രേയസേ സത്യം
പ്രിയമിച്ഛന്തി മാനവാ:
തസ്മാത്താത പ്രയത്നേന
പ്രിയം വദതു സർവ്വനാ